डर का एहसास हो रहा है कुछ तो खोता जा रहा है समझ नहीं आ रहा क्या पर कुछ तो कैसे ढूंढू उस चीज को कैसे खोने से रोकूं उस चीज या एहसास को जो कया है मै जानती ही नहीं कुछ तो छूट रहा है कुछ तो खो रहा है न जाने क्या है कैसा है,क्यों है पर कुछ तो क्यों कुछ खो सा रहा है न जाने क्या है को मुझे रुआशा कर रहा है।