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Sep 2019
वह थी अंदर और मैं था बाहर, कर रहा था मैं सबर
बाहर आए फिर डॉक्टर साहब, दिया बाप बनने की खबर

सुनकर यह बात मैं दौड़कर अंदर आया
बीवी के हाथों में उसको मैंने रोता हुआ पाया

पत्नी बोली मुझे कि बच्चा मुझ पर गया है
मैंने कहा उसको कि नाक तुझ पर गया है

लाऊं मैं पेड़े या लाऊं लड्डू, कौनसी लाऊं मैं मिठाई
लगा जैसे हुआ पुनर्जन्म मेरा, सारे दुखों की हुई बिदाई

पहला पोता था मां-बाप का, जब उन्होंने लिया इसे हाथों में
खिल उठा उनका चेहरा, जैसे खिले रजनीगंधा रातों में

यह नाम करेगा बड़ा, यह काम करेगा बड़ा
पूरी हमारी अभिलाषा तमाम करेगा बड़ा

दुआ यह उसने सभी से पाया, कि हमेशा सलामत उसकी जान हो
लेकिन मैंने सोचा केवल यही, कि यह नेक और सच्चा इंसान हो
Sohamkumar Chauhan
Written by
Sohamkumar Chauhan  23/M/Vasco da Gama, Goa
(23/M/Vasco da Gama, Goa)   
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   Hawa
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