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Sep 2019
मॉं तू जलती गर्मी के बाद
सावन की पहली बारिश जैसा एहसास हैं।

मॉं तू कुडकुडाती ठण्ड में
सूरज की मीठी धूप जैसा एहसास हैं।

मॉं तू बारिश के दिनों में
इंद्रधनुष जैसी मुस्कान हैं।

माँ तू आरज़ू तू ही मेरा गूरुर हैं,
भला बिना तेरे मेरा क्या वजूद हैं?

~ तानिया मिश्रा
Written by
Taniya Mishra  22/F/India
(22/F/India)   
  180
   Erian Rose and Prerna Singh
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