Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Aug 2019
थां नै घणी घणी बधाइयां
देवै परदेश रा लोग नै लुगाइयां
म्हे था नै निरबिरोध जीतायां हां मान सूं
म्हे जाणां म्हानै बडभागी
जदै थे आया अठै बडे चाव सूं
अबै थे बिराजोला बडी पंचाट मा
जठै बसै देश री आतमा
एकै काम थे म्हारो करणै रो जतन करया
म्हे बोहोत बरसां सूं जिके रै लैर पड़्या
जे थे करस्यो म्हारी पैरवियां
म्हे नाचांला पेहर पैंजणियां
थां नै घणी घणी बधाइयां
देवै परदेश रा लोग नै लुगाइयां।

म्हे छां दस किरोड़ राजस्थानी
म्हे बोलां दूजां री बाणी
म्हारा टाबर भूल्या म्हारी पिछाणी
म्हे जाणां‌ म्हे हां पढ्योड़ा‌ सूवा
जिका री भाषा है अणजाणी
म्हे चौंतीस सांसद राज रा
एकै पाछलै महाराज नै
चुणै भेज्या है परदेस रै काज नै
थां सगला मिल नै दिलाज्यो
म्हारी राजस्थानी नै माणता
जे थे करस्यो म्हारी पैरवियां
म्हे नाचांला पेहर पैंजणियां
थां नै घणी घणी बधाइयां
देवै परदेश रा लोग नै लुगाइयां।

राजस्थान छै मोटो परदेस
फेरूं भी म्हे माणस बेजुबान रा
सूण्यो है नेपाल देश है फूटरा
दे राखीहै राजस्थानी नै बीं माणता
अबकै मत चूक जा‌ज्यो थे
म्हानै थास्यूं‌ है बडी उम्मीदड़्यां
जे थे करस्यो म्हारी पैरवियां
म्हे नाचांला पेहर पैंजणियां
थां नै घणी घणी बधाइयां
देवै परदेश रा लोग नै लुगाइयां।।
It is a humble request to all MPs from rajasthan  for seeking the recognition of Rajasthani language from the govt of india on the occassion of the un-opposed election of former prime minister sh. MannMohan Singhji for Rajya Sabha from Rajasthan
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
  288
     SHAINA BHATTI and Smiling Queen
Please log in to view and add comments on poems