थां नै घणी घणी बधाइयां देवै परदेश रा लोग नै लुगाइयां म्हे था नै निरबिरोध जीतायां हां मान सूं म्हे जाणां म्हानै बडभागी जदै थे आया अठै बडे चाव सूं अबै थे बिराजोला बडी पंचाट मा जठै बसै देश री आतमा एकै काम थे म्हारो करणै रो जतन करया म्हे बोहोत बरसां सूं जिके रै लैर पड़्या जे थे करस्यो म्हारी पैरवियां म्हे नाचांला पेहर पैंजणियां थां नै घणी घणी बधाइयां देवै परदेश रा लोग नै लुगाइयां।
म्हे छां दस किरोड़ राजस्थानी म्हे बोलां दूजां री बाणी म्हारा टाबर भूल्या म्हारी पिछाणी म्हे जाणां म्हे हां पढ्योड़ा सूवा जिका री भाषा है अणजाणी म्हे चौंतीस सांसद राज रा एकै पाछलै महाराज नै चुणै भेज्या है परदेस रै काज नै थां सगला मिल नै दिलाज्यो म्हारी राजस्थानी नै माणता जे थे करस्यो म्हारी पैरवियां म्हे नाचांला पेहर पैंजणियां थां नै घणी घणी बधाइयां देवै परदेश रा लोग नै लुगाइयां।
राजस्थान छै मोटो परदेस फेरूं भी म्हे माणस बेजुबान रा सूण्यो है नेपाल देश है फूटरा दे राखीहै राजस्थानी नै बीं माणता अबकै मत चूक जाज्यो थे म्हानै थास्यूं है बडी उम्मीदड़्यां जे थे करस्यो म्हारी पैरवियां म्हे नाचांला पेहर पैंजणियां थां नै घणी घणी बधाइयां देवै परदेश रा लोग नै लुगाइयां।।
It is a humble request to all MPs from rajasthan for seeking the recognition of Rajasthani language from the govt of india on the occassion of the un-opposed election of former prime minister sh. MannMohan Singhji for Rajya Sabha from Rajasthan