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Jul 2019
सावन महीना ऐसे आए
जैसे किशोरावस्था
कहने में महीना है
पर है अलग व्यवस्था
कल तक जो सूखा था
आज हो गया सरस
कल तक सब निराशा थी
आज चारों और है हर्ष।

सावन की घटायें
जैसे किसी तरूणी के बिखरे केशु
सावन की फुहारें
जैसे प्रबल भावनाओं की‌‌ हिलोरें
सावन की बयार
जैसे प्रेयसी का इकरार
सावन में शिव आराधना
जैसे कोई प्रेम गीत लिखना
सावन के मेले
जैसे मन के उजाले
सावन की शीतलता
जैसे पहले प्यार की पवित्रता
सावन‌ में गर्जन
जैसे मन की फिसलन
सावन का सौंदर्य
जैसे किसी तरुणी का कौमार्य।

सावन में सब ओर सृजन है
सावन उत्थान का नाम है
सावन साधना का महिना है
सावन शिव को प्रिय है
शिव सदा अटल है
अत: सावन‌ प्रकृति की
अखंडता का प्रतीक है।
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
140
 
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