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Armin Dutia Motashaw
Poems
Jun 2019
फरियाद
फरियाद
बरखा आइ, तो आए तुम मुझे याद;
पर किसको करू मैं फरियाद ?
राधा या मीरा होता तो रो के करता याद
पर मुझे तो कहते है, "कृष्ण है हरजाई; कोई न दे दाद"
मेरा दर्द, मेरी तड़प समझे न कोई; पर मै नहीं हूं फौलाद
मुझे भी राधा की आती है बहुत याद;
पर किसे कहूं; कौन सुनेगा मेरी फरियाद ???
Armin Dutia Motashaw
Written by
Armin Dutia Motashaw
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