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May 2019
तंबाकू धीमी हत्यारी है
इसकी नहीं किसी से यारी है
चिलम पीने से सबसे पहले
चिलम की साफी भूरी होती है
फिर पीने वालों की हथेली भूरी होती है
अंत में फेफड़ों की चूरी होती है
शरीर में दुर्गंध आने लगती है
बुढ़ापे में सांस नहीं आती है
बुरी खांसी उठती है
खांसते-खांसते मरना पड़ता है
घर वाले भी कमरा अलग कर देते हैं
जो हमेशा बलगम से भरा रहता है

जो तंबाकू चबाते हैं
वे सारा दिन थूकते रहते हैं
सारा दिन हथेली गंदी रखते हैं
घर और सार्वजनिक दीवारों को गंदी करते हैं
दूसरों के तिरस्कार का शिकार बनते हैं
अंत में अपने ही जबड़े दांत और
मुंह की त्वचा गंवा बैठते हैं

जो लोग तंबाकू सूंघते हैं
वह हमेशा नाक में अंगुली रखते हैं
सारा दिन छींकते रहते हैं
अपनी नाक काली कर लेते हैं
बुढ़ापे में छींकते- छींकते मरते हैं

उपरोक्त तीनों प्रकार के तंबाकू नशेड़ी
दूसरे लोगों को निष्क्रिय नशेड़ी बनाते हैं
तंबाकू की फैक्ट्री में काम करने वालों का जीवन भी हर लेते हैं
तंबाकू छोड़ना ही बुद्धिमानी है
इसको ना छूने की कसम खानी है
खुद के साथ आने वाली पीढी भी बचानी है।
Mohan Sardarshahari
Written by
Mohan Sardarshahari  56/M/India
(56/M/India)   
  203
   Nsmith15
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