Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Mar 2019
ढलती जवानी

गम न कर, ढलती जवानी का ।

है यह सत्य, तेरी और मेरी कहानी का ।

बुद्धापा देख के गभराना मत तु ;

यही जीवन की रीत है, यह समज लेना तु ।

आंखे धुंधली हो जाएगी तेरी, डरना नहीं तु ;

कम सुनाई दे, तो भी गम करना नहीं तु ।

बूढ़ी हड्डियां भी देगी तकलीफ, सेह लेना तु ।

काम जो पल भर में कर लेता था तू ;

वहीं काम से अब थक जाएगा तू ।

समज शक्ति तेरी कम हो जाए तो, गम न करना तु।

प्रभुमय होके अब शेष जीवन बिताना तु ।

वह ही सहारा है, जब तक छूट जाए यह लरी,

देंगे वो सहारा तुझे, हर वक़्त, हर घड़ी ।

Armin Dutia Motashaw
Please log in to view and add comments on poems