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Mar 2019
लंबी रात

बड़ी लम्बी और तन्हा लगती है यह रात;

जब जब पिया मोरे, नहीं होते हैं मेरे साथ ।

बहार गई, मुरझाए फूल, अब तो अाई बरसात

सावन आया, झूले पड़े, पर पिया नहीं मेरे साथ

बिरहन को तड़पाना;  पिया, यह क्या हुई बात !

चाहूं मै जीवन भर सुनूं, तोरी मुरलिया, रहूं तेरे साथ
पिया यु न तड़पाओ, यू न तरसाओ; छोड़ो न साथ

चांद को चांदनी पुकारे, राधा कहे कान्हा पकड़ लो मेरा हाथ

छोड़ो न यू अकेली, बड़ी लम्बी है बिरहा की यह रात ।

Armin Dutia Motashaw
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   Jayantee Khare
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