भूतकाल को भूल जाओ तुम, उसका मत गुणगान करो। वर्तमान में जी कर के, तुम फिर से अनुसंधान करो। छोड़ गया जो तुम्हें अकेला, उसका ना अब ध्यान करो। बुरे वक़्त को भूल जाओ तुम, अच्छे को बस याद करो। चलो अकेले पथ पर राही, वक़्त को ना बर्बाद करो। चला गया जो आए ना फिर ये, इस पर ना अभिमान करो। अतीत खेल है बदल जाएगा, वर्तमान में जीया करो। वक़्त बदलते देर ना लगती, गुरूर ना इतना किया करो। तेरा आज भी छूट जाएगा, कल मैं ना इसे व्यर्थ करो। जीवन की इस धूप छांव से, अपने को तैयार करो। नए लक्ष्य और संकल्पों से, हर दिन की शुरुआत करो। नई सोच और नई ऊर्जा से, कठिन कार्य आसान करो। धर्म और अध्यात्म की चेतना से, भावी जीवन को मुक्त करो। आने वाले पल हैं प्यारे, यही सोच तुम काम करो। सब कुछ अच्छा होगा आगे, बस कल को ना तुम याद करो। अरे भूल जाओ तुम भूतकाल को, उसका मत गुणगान करो। वर्तमान में जी कर के, तुम फिर से अनुसंधान करो।