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Nov 2018
दीपावली

दिल जले तो धुवा दिखता नहीं, होता है, चहूं ओर अंधेरा ही;
दिया जले तो धुआ भले हो, वोह फैलाता है, प्रकाश भी।
चलो बंध करे, जलाना अपना जिया;
और दिल का अंधेरा दूर करे, जलाए एक दिया।

दीपावली में, दुर करे दिल, घर, और देश का अंधेरा
बहुत सालोसे बैठा है ये दिल में, बनके गेहरा।
मिटा दो इसे हमेशा के लिए, दिलसे कर दो इसे दुर
रात को बदल दो भोर में, हो सकता है यह दीपावली की रोशनी में, जरूर ।

Armin Dutia Motashaw
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   Surbhi Dadhich
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