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Oct 2018
सोचा क्यों ना आज इन अल्फ़ाज़ों से अपनी मोहब्बत-ए-हाल पूछ लूँ,
सारी दुनिया को भूल आज ख़ुद की ज़िन्दगी से कुछ सवाल पूछ लूँ,

क्या हुआ तेरे बड़े बड़े बातों का,कसमों का झूठे वादों का,
टूटे हुए ख़्वाब,जली हुई ख्वाइशें उन झूठे विवादों का,

तू कहता ये दुनिया बहुत प्यारी है और प्यारे है यहाँ के लोग,
आज बता तो ज़रा हमें कहाँ है तेरी दुनिया कहाँ है तेरे वो लोग,

बता ना आज तू मेरे सवालों से इतना ख़ामोश क्यों है,
कल की बड़ी बड़ी बातें का आज जले हुए राख़ क्यों है,

हसीं होंगे सारे पल तेरे हसीं होगी तेरी सारी रातें,
आज बता ना हमें कहाँ गयी तेरी वो झूठी बेबाक़ बातें,

आज तू ख़ामोश ना रह मेरे सवालों के जवाब दे,
मेरे दर्द की छोड़ तू आज मेरी ज़िन्दगी का हिसाब दे,

आज तू ये ना कह हमसे की ये सवाल करना छोड़ दे,
या तो मेरे सवालो का जवाब दे या हमें पूरी तरह से तोड़ दे,

आख़िर कबतक ज़िन्दगी तुझे यू ख़ुश करने के लिए जिये हम,
आख़िर कबतक अंदर ही अंदर घुट घुट कर अश्क़ों को पिये हम,

क्यों क्यों क्यों तू आज हमें मरने नही देता,
ना तू कुछ करता मेरे लिए ना हमे अपने लिए करने देता,

देख लेना मेरी ज़िन्दगी तू एक दिन मेरी साँसे तुझसे जुदा हो जाएंगी,
तू रोयेगा सारे दिन और मेरी मुस्कान हवाओं में खिलखिलायेंगी,

एक और बात सुन तू ये ना सोच की अब मैं कभी ना आऊँगा,
जवाब तैयार रखना क्योंकि मैं फ़िर एकदिन इन्हीं सवालों के साथ तेरे पास आऊँगा,
जरूर आऊंगा......
Shrivastva MK
Written by
Shrivastva MK  23/M/INDIA
(23/M/INDIA)   
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