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Avanish maurya
Poems
Aug 2018
फ़ना दीवार करना चाहता हूँ
फ़ना दीवार करना चाहता हूँ
मैं सब से प्यार करना चाहता हूँ
हवा में ज़हर घोला जा रहा है
मैं खुशबू-दार करना चाहता हूँ
वफ़ा की अब यहाँ क़ीमत नहीं है
पलट कर वार करना चाहता हूँ
पकड़ से लफ़्ज़ छूटा जा रहा है
जिसे इज़हार करना चाहता हूँ
उधर से फिर पुकारा है किसी ने
समुंदर पार करना चाहता हूँ
#ghazal
Written by
Avanish maurya
17/M/Delhi
(17/M/Delhi)
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