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Raj Bhandari
Poems
Jul 2018
क्या कहूं
इस कदर परेशान हूँ, कि अब तुम्हें मैं क्या
कहूं ,
इन रिश्तों से हैरान हूँ कि अब तुम्हें मैं क्या
कहूं ,
उम्मीद थी कि तुम भी समझ लोगे ये हाल ऐ दिल,
मैं भी तो कैसा नादान हूँ कि अब तुम्हें मैं क्या कहूं !
Written by
Raj Bhandari
Delhi, India
(Delhi, India)
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