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Jul 2018
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वो जितना
मिरे क़रीब था
अब दूर हो गया ।

आँख़ों से
नींद ले गया
बेचैन कर गया।।

गुज़स्ता
दास्त़ान हो गया
अब वो मेरे वास्त़े।

मशरब-ए-अश़्क
जैसे सैलाब-ए-ल़हू
में बद़ल गया।।

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©deovrat 08-07-2018
Deovrat Sharma
Written by
Deovrat Sharma  58/M/Noida, INDIA
(58/M/Noida, INDIA)   
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   Jayantee Khare
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