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Jul 2018
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वक्त की परवाह हमें
ना ख़ोफ-ए-ब़सर है।

वो द़श्त-ए-बियाबान हो
या कोई रहगुज़र है।।

आँख़ों मे अक़्स-ए-यार
ओ दिल में उसकी याद़।

रहब़र वो साथ रहता है
किस बात का डर है।।

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©deovrat 05-07-2018
Deovrat Sharma
Written by
Deovrat Sharma  58/M/Noida, INDIA
(58/M/Noida, INDIA)   
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     Jayantee Khare and Deovrat Sharma
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