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Jun 2018
आज नज़्म नज़्म खामोश है और मिरा लफ्ज़ लफ्ज़ उदास है ,
काहे तुझे तकलीफ है और क्यों,ये इतना दर्द फिर तेरे पास है !
Raj Bhandari
Written by
Raj Bhandari  Delhi, India
(Delhi, India)   
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   Jayantee Khare
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