रिश्ते नाते ये तो सब बातें है जो चन्द पलो में टूट जाते है, गैरों की बात क्या करें ,यहाँ तो अपने अपनो से रूठ जाते हैं, आज जब खुद को आईने में देखा तो पता चला की हम अपनी खुशी की तलाश में खुद को ही कहीं छोड़ चले आते है,
अनजान राहों में तो नजाने कितनो से मुलाक़ात है, पर आपके करीब कौन है ये तो वक़्त की बात है,
असली ज़िन्दगी तो हम बचपन मे जिया करते है, ना किसी बात का फिक्र,दिनभर मज़े में रहा करते है, इस उम्र का आलम तो देखिए साहब अब तो इस ज़िन्दगी में सिर्फ दर्द लिया करते है,
दुःख इस बात का नही कि किस किस ने हमे धोखा दिया, पर दुःख इस बात का है कि जिसने भी दिया वो सारे अपने थे,
धीरे धीरे ये वक़्त बीतते चले जाते है, अंत मे सिर्फ गमों का आलम रह जाते है, रिश्ते नाते ये सब झूठे है आज हाथ पकड़ते कल खुद ही छोड़ जाते हैं।