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May 2018
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वो बारिशों की वो मस्तियां।
वो जुल्फों से अठखेलियाँ।।
वो बहार थी जो गुजर गयी।
अब गर्दिशौं का गुबार है।।
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वो समा था वस्ल-ए-खुमार का।
ये फिजा है तन्हा उदास सी।।
यां शाख-ए-गुल की बिसात क्या।
यह हयात उजडा दयार है।।
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कब कौन मिल जाए क्या खबर।
कब कौन खो जाए क्या पता।।
वो जो दिल मिले थे बिछड़ गये।
ये नसीब - नसीब की बात है।।

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(c)  deovrat 06.05.2018
Deovrat Sharma
Written by
Deovrat Sharma  58/M/Noida, INDIA
(58/M/Noida, INDIA)   
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