°°° वो बारिशों की वो मस्तियां। वो जुल्फों से अठखेलियाँ।। वो बहार थी जो गुजर गयी। अब गर्दिशौं का गुबार है।। ~~~ वो समा था वस्ल-ए-खुमार का। ये फिजा है तन्हा उदास सी।। यां शाख-ए-गुल की बिसात क्या। यह हयात उजडा दयार है।। ~~~ कब कौन मिल जाए क्या खबर। कब कौन खो जाए क्या पता।। वो जो दिल मिले थे बिछड़ गये। ये नसीब - नसीब की बात है।। °°° (c) deovrat 06.05.2018