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Shrivastva MK
Poems
Apr 2018
क्योंकि जीना इसी को कहते है...
आँखों मे आँसू हो फिर भी मुस्कुराना,
किसी के मुश्किल में अपना हाथ आगे बढ़ना,
हम दुसरो की खुशी में ही खुश रहते है,
क्योंकि जीना इसी को कहते है,
तकलीफ़ों से ख़ुद को अलग करना,
नफ़रत नही सभी से प्यार करना,
हम दुश्मन को भी गले लगा लेते है,
क्योंकि जीना इसी को कहते है
दुनिया को है बदलना,
कुछ हम कुछ आपको है करना,
चलिए मिलकर आगे बढ़ते है,
क्योंकि जीना इसी को कहते है,
रोते हुए को हँसाना,
सभी के चेहरे पर मुस्कान है फैलाना,
चलिए एक नई सोच की शुरुआत करते है,
क्योंकि जीना इसी को कहते है,
क्योंकि जीना इसी को कहते है..
Written by
Shrivastva MK
23/M/INDIA
(23/M/INDIA)
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