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Satrughan singh choudhary
Poems
Apr 2018
एक लड़की
एक लड़की है जो दिखती है हक़ीक़त में,
पर मेरे खवाबों में वो रहती है।
मेरा दिन उसी से जगता है, मेरी रातें उसी में सोतीं है,
पास नही है वो मगर,साथ मेरे वो रहती है।
एक लड़की है जो दिखती है हक़ीक़त में,
पर मेरे खवाबों में वो रहती है।
कभी जब नजरें मिल जाती है हमारी, दिल की धड़कन बढ़ जाती है,
चंचल नही है, वो शांत है मगर, उसकी अदाएं मुझे बड़ा सताती है।
एक लड़की है जो दिखती है हक़ीक़त में,
पर मेरे खवाबों में वो रहती है।
कभी खामोश रहती है तो कभी यूँही मुस्कुराती है,
कभी छू जाती है मुस्कान उसकी, कभी आंखों से कुछ कह जाती है।
एक लड़की है जो दिखती है हक़ीक़त में,
पर मेरे खवाबों में वो रहती है।
वो पास रहे या दूर रहे, एक बेचैनी से रहती है,
चुम लूं उसे अपने आखों से, बस यही तमन्ना हर पल रहती है।
एक लड़की है जो दिखती है हक़ीक़त में,
पर मेरे खवाबों में वो रहती है।
एक लड़की है जो दिखती है हक़ीक़त में,
पर मेरे खवाबों में वो रहती है।
When she is all over your mind.
#love
Written by
Satrughan singh choudhary
23/M/Varanasi India
(23/M/Varanasi India)
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