यहाँ चंद मिनटों में नाते टूट जाते है, यहाँ इंसान इंसान से रूठ जाते है, जिस शीशे से प्यार हो आपको साहब वो शीशे नजाने क्यों फुट जाते है,
यहाँ पलभर में नए रिश्ते बन जाते है, मीठे शबाब भी ज़हर बन जाते है, ज़रा सम्भल के रहना इन बहुरूपियों से साहब, यहाँ अपने ही सारी खुशियो को खा जाते है,
जो लब्जो पर मीठी बातों को सजाये रहते है, वो बहुत गहरे राज़ दिल मे छुपाये रहते है, जो आपको खुश देख मुस्कुरा रहे साहब, सच मे वो बहुत ठोकर खाये हुए रहते है,
शायद जो सच्चे प्यार समझ पाते है, ख़ुदा भी सिर्फ उन्हें ही मिलाते है, पत्थर में कैद होकर भी देखो साहब, इतिहास में खुद का नाम कर जाते है,
जो लोग यादों को संजोते है, वो अकेले में बहुत रोते है, उनकी ज़ज़्बातों से ना खेलना साहब, वो सच मे बहुत नाजुक दिल के होते है, बहुत नाजुक दिल के होते है.....*sad