भरोसे लायक नही है ये पत्थर दिल इंसान, जो चंद मिनटों में ही खो देता अपना ईमान, मिट्टी से बना है,मिट्टी में ही मिल जाएगा एक दिन, फिर भी नजाने क्यों करता अपने इस शरीर पे गुमान,
सबको पता है ना कुछ साथ आया था और नाही कुछ साथ जाएगा, कुछ अच्छे कर्म भी कर लो अपने जीवन मे क्योंकि वही तुम्हें स्वर्ग पहुचायेगा, जीवन-मरण तो खेल है ज़िन्दगी का, अभी नही किया तो मरने के बाद पछतायेगा,
दिखावे की मीठी वाणी इन लब्जो पे तान, किसी को अपने लब्जो से मत मार, बहुत मुश्किल होता है खड़ा होने में, जब ख़ुद से हार जाता है इंसान.... जब खुद से हार जाता है इंसान।