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Jan 2018
दुनिया से कहीं दूर जाने को जी चाहता है,
हमेशा के लिए सो जाने को जी चाहता है,
जो भी सपने बोये थे हमने आज
उन सपनों में आग लगाने को जी चाहता है,

आँशुओ में डूब जाने को जी चाहता है,
खुद को मिटाने का जी चाहता है
लेकर ज़ख्म इस सीने में नजाने कितने
खुद को जलाने को जी चाहता है,

ऐ मौत अब तुझे गले लगाने को जी चाहता है,
तेरी आगोश में खुद को डूबाने को जी चाहता है,
अब हसरत नही है किसी को पाने की
ऐ ख़ुदा अब तेरे पास आने को जी चाहता है।
Shrivastva MK
Written by
Shrivastva MK  23/M/INDIA
(23/M/INDIA)   
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   --- and Imran Islam
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