तुम्हारे होने का अहसास मुझे जीवित रखता है ... क्यूंकि मैं जिंदा हूँ ....
टूटी रीढ़ की हड्डी ... बैसाखी के सहारे चलती इस काया को संभाले आगे बढ़ता मैं क्यूंकि मैं जिंदा हूँ .....
तुम मुझे कुचल दो ... तुम मुझे अंधेरो में कच्चे पथरीले रास्तो पे अकेला छोड़ दो ... जहां मैं खुद को भूल जाऊं .... अँधियारा गहरा पाऊं फिर भी कहूँगा ये ..... मैं जिंदा हूँ ......
तुमसे बिछड कर मुझे सांस लेना मुश्किल लगता है .... फिर भी बस तुम्हारे लिए