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Mar 2015
दिन क्या और रात क्या
सूरज क्या और चाँद क्या
भूक क्या और प्यास क्या
तन्हाई क्या और भीड़ क्या
पेड़ क्या और फल क्या
स्वर्ग क्या और नरक क्या
झूट क्या और सच क्या
दुःख क्या और दर्द क्या
द्वेष क्या और क्लेश क्या
चक्र क्या चक्रव्यूह क्या
जय क्या पराजय क्या
मोह क्या और माया क्या

हर रंग में है तू
हर रूप में है तू
अंदर बसे भी तू
बाहर बसे भी तू
कण कण में बसा है तू
बस तू ही है तू बस तू ही है तू

चित भी है तू, और मन भी है तू
आत्मा भी तू  परमात्मा भी  तू
राह भी है तू, मज़िल भी है तू
आस्ता भी तू, न आस्ता भी तू
मीत भी है तू अमित भी है तू
ज़िन्दगी भी तू मौत भी है तू
काल भी है तू अनंत भी है तू
आनंद भी है तू परमानन्द भी  तू
सृष्टि भी  तू सृष्टिकर्ता भी  तू
कण कण में बसा है तू बस तू ही है तू
बस तू ही है तू बस तू ही है तू

Translation

what night what day
what sun what moon
what hunger what thirst
what loneliness what crowds
what tree what fruit
what heaven what earth
what lie what truth
what anguish what conflict
what chakra (cycle of life), what maze
what victory, what loss
what love, what maaya (illusion)

you are in every color
you are in every form
you are within
and you are without
you are in every atom
only you, only you


you are mind, you are the heart
you are the soul, you are the absolute consciousness
you are the journey, you are the destination
you are belief, you are disbelief
you are  friend you are  love
you are  life, you are death
you are time, you are infinity
you are happiness, you are bliss

you are the creation and
you are the creator
you are in every atom
only you, only you
Inspired by my readings of a brilliant philosopher
http://www.swami-krishnananda.org/disc_philo.html
VENUS62
Written by
VENUS62  Mumbai, India
(Mumbai, India)   
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   suraj kumar singh and ---
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