दिन क्या और रात क्या सूरज क्या और चाँद क्या भूक क्या और प्यास क्या तन्हाई क्या और भीड़ क्या पेड़ क्या और फल क्या स्वर्ग क्या और नरक क्या झूट क्या और सच क्या दुःख क्या और दर्द क्या द्वेष क्या और क्लेश क्या चक्र क्या चक्रव्यूह क्या जय क्या पराजय क्या मोह क्या और माया क्या
हर रंग में है तू हर रूप में है तू अंदर बसे भी तू बाहर बसे भी तू कण कण में बसा है तू बस तू ही है तू बस तू ही है तू
चित भी है तू, और मन भी है तू आत्मा भी तू परमात्मा भी तू राह भी है तू, मज़िल भी है तू आस्ता भी तू, न आस्ता भी तू मीत भी है तू अमित भी है तू ज़िन्दगी भी तू मौत भी है तू काल भी है तू अनंत भी है तू आनंद भी है तू परमानन्द भी तू सृष्टि भी तू सृष्टिकर्ता भी तू कण कण में बसा है तू बस तू ही है तू बस तू ही है तू बस तू ही है तू
Translation
what night what day what sun what moon what hunger what thirst what loneliness what crowds what tree what fruit what heaven what earth what lie what truth what anguish what conflict what chakra (cycle of life), what maze what victory, what loss what love, what maaya (illusion)
you are in every color you are in every form you are within and you are without you are in every atom only you, only you
you are mind, you are the heart you are the soul, you are the absolute consciousness you are the journey, you are the destination you are belief, you are disbelief you are friend you are love you are life, you are death you are time, you are infinity you are happiness, you are bliss
you are the creation and you are the creator you are in every atom only you, only you
Inspired by my readings of a brilliant philosopher http://www.swami-krishnananda.org/disc_philo.html