Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Jul 2020
वो पहला पहला प्यार मेरा
जब सामने मेरे आता था
सब कुछ छोड़ के मन मेरा
उसके पीछे चला जाता था
हज़ारों में भी यह मन मेरा फिरभी
उसको आसानी से ढूंढ लेता था
वो पहला पहला प्यार मेरा
मिलने के बहाने ढूंढ ता था
दीपावली पर दीप जला ना
मेने उससे सीखा था  और  
ईद पर मिट्टी खीर बनाना
उसने मुजसे सीखा था
बस ऎसा प्यार हमारा था
दोस्त कहते थे बचपाना इसको
पर शायद ये सचा प्यार था
वो पहला पहला प्यार मेरा

_अबुतोरब डायर
Written by
Abutorab dyer
  135
   Shrika
Please log in to view and add comments on poems