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Sep 2018
ऐ आसमां हमें भी अपने साथ ले चल,
मिलने को ख़ुदा से रहा है ये दिल मचल,

कभी सजाया करता था ख़्वाब जिन आँखों मे,
आज वो अश्क़ से भरे है, रूठा है हमारा सुनहरा कल,

कोई नहीं है अपना यहाँ इस रंगबिरंगी दुनिया में,
देर से ही सही पर धीरे धीरे सब जाएँगे बदल,

पलभर का भरोसा नही है अपनी सांसो पर यहाँ,
तो जनम जनम का वादा कैसे? किसने देखा है अपना कल,

ज़रूरत नहीं हमें खुशी के पलों की साहब,
दर्द के साथ आज भी मुस्कुराते,दर्द के साथ ही बीत जाएंगे सारे कल,

बहुत थक चुके है खुद को समझते समझते,
ऐ ख़ामोशी अब हमें भी अपने आगोश में ले चल,

क्यों दिखाते हो सपनें वो जो कभी हमारे थे ही नही,
नही चाहिए मुस्कान हमें नही चाहिए खुशी के पल,

बस एक दुआ कर क़बूल मेरी रखना सभी को खुश,
और कर दे समाप्त हमेशा के लिये मेरी धड़कन की हलचल,
इस साँसों की हलचल....
Everything starts with time and end with tym...In this beautiful era no one is urs ...At the time of last breath no one will go with u...We come alone n will go alone...It's a universal truth .....
Shrivastva MK
Written by
Shrivastva MK  23/M/INDIA
(23/M/INDIA)   
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     --- and Surbhi Dadhich
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