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May 2018
वो बचपन के दिन भी कितने खूबसूरत हुआ करते थे,
कभी धूल में लुढ़कते कभी मिट्टी से खेला करते थे,
कभी पापा की प्यारी डांट पर भी मुस्कुरा देते
तो कभी एक घूंट अमृत पान के लिए माँ से लड़ा करते थे,

छोटे छोटे पैरों से शैतानियां बड़ा किया करते थे,
माँ पापा पीछे पीछे हम आगे आगे दौरा करते थे,
मेरी हर जरूरत को पल भर में पूरा करते थे मेरे भगवान
खुद से ज्यादा मेरा माँ-पापा मेरा ख्याल रखा करते थे,

जब मैं रोने लगता,माँ गोद में सुलाया करती थी,
पापा हाथो में चॉकलेट थमा,कन्धे पर बिठाया करते थे,
माँ ने सभी से प्यार करना सिखाया तो,
पापा सही गलत में फ़र्क बताया करते थे,

माँ-बाप के लिए उनके बच्चे ही उनके सपने होते है,
दुनिया बेगानी हो जाती सिर्फ वो बच्चे अपने होते है,
उस ख़ुदा से पहले होते है हमारे मा-बाप,
खुदा सिर्फ हमे सुरक्षित रखते,पर माँ बाप हमारे पहले गुरु होते है,

जो भी उस भगवान रूपी माँ-बाप को रुलाते है,
वो सिर्फ दर दर भटकते,सुकून कभी भी नही पाते है,
जिसने भी की है तन-मन से इनकी सेवा,
वो दुनिया मे ही नही,वो पूरे ब्रह्माण्ड में नाम कमाते है.....
Dedicated to all sons and parents
Shrivastva MK
Written by
Shrivastva MK  23/M/INDIA
(23/M/INDIA)   
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