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500 · Jul 2020
निर्भया
anu Jul 2020
कैसे छटपटाया है वो
उसने कोई दलील ना छोड़ी
कोई अदालत नहीं छोड़ी
कड़ियां तक भी तोड़ी
फिर भी जिंदगी हार गया
जब वो हारा कोई रो ना पाया
इसी तरह छटपटाई होगी वो
उसने भी बहुत मिन्नत की होगी
उसने सबको फरियाद की होगी
हिम्मत भी नहीं छोड़ी होगी
फिर भी जिंदगी हार गई
जब वो हारी तब सब रोयें
उसको भुला नहीं पाए।
     -अनु सिगंला
66 · Aug 2020
शहीद्
anu Aug 2020
यह इतना धैर्य तुम कहाँ से लाएं
तभी तो तुम शहीद् कहलाए
शस्त्र तुम्हारे हाथ में था
देश के मान के लिए अडे रहे
अपने बाहुबल से ही शत्रु मार गिराए
तभी तो तुम शहीद् कहलाए
घर तुम्हारा भी था
बैठा था परिवार आंखें बिछाऐ
तुमने देश वासी हीं रिशतेदार बनाऐ
तभी तो तुम शहीद् कहलाए
सपने संजोने का हक तुम्हारा भी था
पूरा करने का इंतजार लिए
देश के लिए बलिवेदी पर चढाऐ
तभी तो तुम शहीद् कहलाए
यह इतना धैर्य तुम कहाँ से लाएं
तभी तो तुम शहीद् कहलाए।

— The End —