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Aug 2020 · 166
Untitled
Riya jain Aug 2020
A soul forever lost,
in the grandeur of moon and stars,
found by the side of an ocean,
listening to the rhythm of the waves,
making the night more magical,
at that moment,
trying to live the best she can.

A soul found lying in the lap of nature,
somewhere down the waterfall,
on the same day,
found dancing, jumping, enjoying,
making memories with friends.

A soul found sitting,
under the shade of a banana tree,
reading her favourite book,
wishing to bring that favourite fictional character out and dance with joy.

A soul found sitting at her balcony,
writing her best piece of poetry,
while watching the sunset,
having her best cup of tea,
thinking about the things she is grateful for.

A soul found inside a pretty room,
trying to make a painting of the person,
reading this poetry,
now laughing because she haven't even seen that person.

A soul found somewhat lost here,
finding the meaning of this poem,
It's just the souls mentioned above,
could be you, me or any of us,
maybe found lost someday somewhere,
doing all those things that we love.
Jul 2020 · 119
Dream life
Riya jain Jul 2020
Oh artist, start running away from this rush,
Go out in peace & create your own world.
Of magic, art, books & everything you love,
It would be your own place, your own loving world.
Fill it with all the merriment you can,
Make it a masterpiece & become your own fan.
Walk in the nights hand & hand,
With freedom, happiness & loved ones, only if you can.
Gaze at the stars & sing your dream song,
Take a diary in hand & write a poetry along.
Make your home magical & your favourite place to be,
You will be happy in life, later you will see.
You are an artist, create the bestest art,
With your dreamy imaginations & all of your heart.
Out of all the things, do whatever makes you laugh,
This is your life, you be your better half.
-Ria
May 2020 · 118
फरॆब
Riya jain May 2020
अपनों के फरेब ने जहन मैं सवालों का घर बना दिया.
जवाबों की चाहत मैं खुद को हमने मुसाफिर बना दिया.
चलते चलते कुछ यूँ ही हमने खुद को पा लिया.
सवालों की फिक्र छोड़ खुशियों का घर बना लिया.
जिंदगी ने दोस्त बनकर खुलके जीना सिखा दिया.
मुसाफिर हूँ यारो मैंने , धरती को अपना बना लिया.

वक़्त बेवक़्त अब घुमता हूँ , बिना कोई  चिंता लिये.
झोली भर ली अपनी मैंने, हजार नयी खुशियाँ लिये.
चाँद तारों को निहारते , मुस्कुराना सीख लिया.
बिना कोई मंजिल चुने अब , मैंने चलना सीख लिया.
नयी भोर, नयी राहें , नया सब कुछ पा लिया.
मुसाफिर यूँ यारो मैंने , धरती को अपना बना लिया.

: रिया
Dec 2018 · 489
भूतकाल..
Riya jain Dec 2018
भूतकाल को भूल जाओ तुम,
उसका मत गुणगान करो।
वर्तमान में जी कर के,
तुम फिर से अनुसंधान करो।
छोड़ गया जो तुम्हें अकेला,
उसका ना अब ध्यान करो।
बुरे वक़्त को भूल जाओ तुम,
अच्छे को बस याद करो।
चलो अकेले पथ पर राही,
वक़्त को ना बर्बाद करो।
चला गया जो आए ना फिर ये,
इस पर ना अभिमान करो।
अतीत खेल है बदल जाएगा,
वर्तमान में जीया करो।
वक़्त बदलते देर ना लगती,
गुरूर ना इतना किया करो।
तेरा आज भी छूट जाएगा,
कल मैं ना इसे व्यर्थ करो।
जीवन की इस धूप छांव से,
अपने को तैयार करो।
नए लक्ष्य और संकल्पों से,
हर दिन की शुरुआत करो।
नई सोच और नई ऊर्जा से,
कठिन कार्य आसान करो।
धर्म और अध्यात्म की चेतना से,
भावी जीवन को मुक्त करो।
आने वाले पल हैं प्यारे,
यही सोच तुम काम करो।
सब कुछ अच्छा होगा आगे,
बस कल को ना तुम याद करो।
अरे भूल जाओ तुम भूतकाल को,
उसका मत गुणगान करो।
वर्तमान में जी कर के,
तुम फिर से अनुसंधान करो।
Dec 2018 · 304
Dreams
Riya jain Dec 2018
Waking up everyday with a lot of dreams,
dreams like full of adventures and screams.
life is such a pure, cute cycle of adventures,
after knowing this, feels like life is itself a dream.
A dream which incarnate your other dreams,
within this excursion of life which you treat as deem.
Life will bless you with some liberal humans,
also, some foment perfidious who will distract you.
Take a lesson from the perfidious ones,
and make a pristine kind way to your dreams.
or else your life will be treated as a changing theme.
Now, when you'll wake up from this dream,
you'll see all your dreams became fulfill and gleam.
: Riyajain
Riya jain Nov 2018
लाख गलतियां करके फिर,
है खुद को समझाया मैंने।
सबका भला सोच-सोच फिर,
खुद को ही ठुकराया मैंने।
तेरा अपना तू ही है फिर,
खुद को ये बतलाया मैंने।
लाख गलतियां करने से फिर,
है खुद को बचाया मैंने।
आयी समझ जब मुझे समय पे,
कि छुपा रखा था खुद को मैंने
घुली मिली मैं सबसे फिर से,
खुद को आगे भड़ाया मैंने।
दोस्त छोड़ के पीछे फिर से,
परिवार का साथ निभाया मैंने।
उड़-उड़ के जब आयी थी खब्रें,
तोड़ लिया था खुद को मैंने।
ऐसी मैं हूं नहीं फिर अब,
ठानी थी समझाने की मैंने।
लोगों का काम है कहना कहकर,
खुद को था सुलझाया मैंने।
खड़ी हुई मैं गिरकर फिर से,
खुद को आगे चलाया मैंने।
लोग तो आते-जाते रहेंगे,
था खुद को समझाया मैंने।
खुशियां दिखी हर जगह फिर,
ज़िन्दगी का पाठ समझा था मैंने।
क्या खूब देन है खुदा की ये,
खुद को था बतलाया मैंने।
हाथ थाम फिर अपनों का,
ज़िन्दगी का साथ निभाया मैंने।
दोस्तों को साथ लेकर इसको,
और यादगार बनाया मैंने।
रोना धोना छोड़-छाढ़ कर,
खुद को फिर से हंसाया मैंने।
दुख भी आते ज़िन्दगी मैं,
इस बात को था अपनाया मैंने।
खुशी की जीत होती हमेशा,
खुद को खुशहाल बनाया मैंने।
खुदा की देन की इज्ज़त करते,
इसको खूबसूरत बनाया मैंने।
Riya jain Oct 2018
अरे मनुष्य कुछ कर दिखा,
किस्मत को मत बोझ बता।
दिया है रब ने बहुत तुझे,
उसका ना तू मोल लगा।

बदल सकता है दुनिया तू,
गलत को करके सही दिखा।
बन जाएगा तू महान,
ना तू इतना ज़ोर लगा।

मेहनत को ना रोक कभी,
रोज़ तू आगे कदम भड़ा।
भीड़ बहुत है दुनिया में,
तू अलग अपनी पहचान बना।

नहीं हो तेरे साथ कोई तो,
तू बस रब का ध्यान लगा।
रोक सके ना कोई तुझे,
तू रास्ता अपना अलग बना।

रास्ते में हैं काटें कई,
तू दे फूल से उसे सज़ा।
भूल सके ना कोई तुझे,
इतना तू अब नाम कमा।

दर्द गुब्बारे में करके कैद,
आकाश में दे तू उसे उड़ा।
खुशियों का कर फिर तू स्वागत,
खोई हसी तू वापस ला।

कभी ना ज़िन्दगी को तू अब,
खुदा की दी हुई बोझ बता।
ये ज़िन्दगी ही दोस्त है तेरी,
इसका तू बस साथ निभा।
Riya jain Oct 2018
चार दिन की चांदनी में, बन गया खुद ही निशाना।
होगया बरबाद इतना, रहा नहीं खुद का ठिकाना।
कैसे बनाए अब वो आशिक, अपना नया आशियाना।
आता नहीं है उसको अपनी बात को दर्शाना।
दुनिया का है काम उसको रोज़ कहीं फसाना।
पर इनकी हरकतों से वो, बिलकुल है अंजाना।
चार लोगों का ज़िम्मा है उसे हर बात पे डराना।
वो रह जाता है पीछे, बिन सुनाए अपना अफसाना।
कब अच्छा हो पाएगा, ये ज़ालिम सा ज़माना।
यहां जालिमों का काम है, सबकी खुशियों को मिटाना।
अच्छे लोगों को ही आता, बस रिश्तों को निभाना।
बुरे को बस आता पीछे, उन रिश्तों से हट जाना।
रिश्ते होते हैं ऐसे, जैसे कोई ख़ज़ाना।
पर दुनिया को बस आता है, उन रिश्तों को हर्जाना।
अब उस आशिक को भी है, उस अफसाने को सुनना।
लेकिन दुनिया धुंड लेती, ना सुनने का नया बहाना।
जानता है कि उसे, अब किसी को नहीं अपनाना।
उसका काम रह गया बस, खुद को तसल्ली दिलाना।
नहीं बना पाया वो, नया अपना आशियाना।
क्यूंकि बदल सकता नहीं, ये ज़ालिम कभी ज़माना।

Riya
Oct 2018 · 2.6k
वो रात
Riya jain Oct 2018
andheri thi jo raat wo,
us raat ki kya baat kahun.
jis raat se wo mila nahin,
us raat ki kya subah kahun.

har raat ki h subah mgr,
us raat ki bhi subah hui.
charcha hui to khabar mili,
us shaqs ki toh maut hui.

shaqs to tha wo dost mera,
us shaqs ki kya baat karun.
ladka tha wo bigda magar,
uske dil ki kya taarief karun.
  
maut nahi thi tha wo khoon,
un kaatilon ki kya baat karun.
jese tadpaya un sbko,
Isse bhattar maut unko m ada krun.

galti kya thi un maasumo ki,
jo aisi bhynkr maut mili.
khuda tu hi jawab dega,
kynki tune thi wo maut likhi.

sbko jisne khush tha rkha,
uski shanti k m dua krun.
Yaad rkhnge use hmesha,
uski yaadon ki kya baat karun.

@riya
Riya jain Oct 2018
घर आया नन्हा मेहमान,
लेकर अपनी अलग सी शान।
छोटे छोटे हाथों वाला,
प्यारी है उसकी मुस्कान।
सुन्दर सुन्दर चेहरे वाला,
है वो अब, हम सबकी जान।
गोलू, मोलू, ढोलू, भोलू,
आते ही पड़ गए उसके नाम।
प्यार मिलेगा उसे हमेशा,
है वो अब इस घर की अान।
Riya jain Oct 2018
चांदनी की ओढ़ चादर,रात पूनम मुस्कुराई
प्रिय तुम्हारी याद आयी,प्रिय तुम्हारी याद आयी।
ना देखा जो तुमको बरसों,तो आँख मेरी भर आयी
मन में हैं लाख सवाल,और सांस मेरी घबराई।
दिल कहे तू पास है,पर ना तू नजर आयी
सब कहें तू है भगवान को प्यारी,पर बात ये ना समझ आयी।
वक़्त बहुत गुजर चुका,पर तू ना वापस आयी
बन चुकी तू अब एक तारा,मुझे बात ना ये भायी।
ख़ाली बैठी जब भी तो बस तेरी कमी ही छाई
छा चुके हैं बादल मुझपे,जबसे मिली तुझसे जुदाई।
आज इद-का-चांद देख बस याद तेरी है आयी
बचा नहीं है कुछ अब की में करूं तेरी दुहाई।
एक दफा तू लौट आ और खत्म करदे मेरी तनहाई
फिर वादा में ना होने दूंगी,कभी तुझसे रिहाई।
दिखा देंगे ज़माने को हम तेरी अच्छाई
पर तू लौट आ बस तेरी बहुत याद है आयी।
Oct 2018 · 154
Untitled
Riya jain Oct 2018
होता है आना जाना,
लोगों का यहां।
पराये और कुछ अपने,
लोग हैं यहां।
कहने को तो साथ हैं,
पर हैं सब बहुत दूर।
दुख में पता चलेगा,
की वो हैं कितने मगरूर।
साथ निभाने की कहते,
पर दे ना सकते साथ।
मुश्किल यदि कोई आजाए,
जाते बैठ रख हाथ पे हाथ।
कहने को तो हैं अपने,
पर हैं तो वही पराए।
सामने तो हें अच्छे,
पीछे दुश्मनी निभाएं।
मुंह पे बनते बहुत ही अच्छे,
अकल के हैं पर ये तो कच्चे।
औरों को झूठा बताते हैं,
और खुद की शान भड़ाते हैं।
कर लेते केसे ये सब,
हम तो समझ ना पाते हैं।
हम तो दोस्त बनाते हैं,
वो मौके पे घात लगाते हैं।
वो अपनी करनी का फल पाएंगे,
और पीछे फिर पछताएंगे।
Sep 2018 · 750
school
Riya jain Sep 2018
baat wo jaani pehchaani thi,
school ki wo kahani thi.
subah uthke wo school ko jaana,
waha jate hi teacher ki daant khaana.
class mein chhup ke tiffin khaana,
or har galti par naya bahana.
class mein roz halla karana,
or galti khud ki pe dost ko fasana.
fir chup2 ke dost ko hasana,
usse kehna zara chehra toh dikhana.
pal haseen ye kahin gum se gaye,
ab hum sab alag hogye.
class wo humari ek kamra ban gyi,
or baatein humari yaadein ban gyi.
firse doston ka mela hum lagaynge,
par wo school ke din waaps na aynge.

Riya
Sep 2018 · 157
जीवन
Riya jain Sep 2018
आशाओं पर जीवित मैं एक प्राणी हूं,
मानव की दुर्बलताओं का हार नहीं।
भूल चुका हूं भूतकाल की बातों को,
है अतीत के सपनों से मुझे प्यार नहीं।
वर्तमान की घड़ियों में मैं उलझा सा,
सुलझाता फिरता हूं मैं उन कड़ियों को।
एक बार की स्मृति कर मैं रोता हूं,
पा जाऊंगा खोई हुई उन लड़ियों को।
रसपान नहीं कर पाया मैं उस मृदु रस का,
जिसका जीवन में मुझको आभास नहीं।
आशाओं पर जीवित मैं एक प्राणी हूं,
मानव की दुर्बलताओं का हार नहीं।
Riya jain Sep 2018
जा रहा था वो उस दिन, छोड़ के मुझे
रोका नहीं उसको, ये क्यूं हुआ मुझसे।
सोचा था उसके लिए, करूंगी कुछ सच्चा
लगता नहीं पर कभी कभी, सच्चा भी अच्छा।
बिना कुछ सोचे मुझे, उसने ठुकरा दिया
सच को मेरे बिना सुने, उसने वहीं दफना दिया।
सुन लेता वो मेरी तो, आज होते हम साथ
पर उसके मन में तो थी, उसके अपनों की कही बात।
हां चला गया अब वो, मुझसे बहुत दूर
करके मेरे दिल का हाल, बिल्कुल चुर चुर।
कर बैठा है नफरत मुझसे, सुनके अपनों की बात
अपने वो हैं उसके जो, ना देंगे उसका साथ।
समझ गई हूं मैं अच्छाई का ज़माना नहीं रहा
मेरे अश्कों का भी अब कोई किनारा नहीं रहा।
रोक सकती थी में उसे, पर मैने जाने दिया
दुखों को मैने फिर दोबारा आने नहीं दिया।
खुश रहती हूं अब मैं भी, अपने अपनों के साथ
एक बुरे सपने की तरह में, भूल चुकी वो बात।
Aug 2018 · 371
Wo shaam
Riya jain Aug 2018
रंगीन सी थी कुछ शाम वो,
उस आशिक से जब मुलाक़ात हुई थी,
धीरे से वो पास आया,
और हल्की सी कुछ बात हुई थी।

सांसें थम सी गईं मेरी,
क्यूंकि सावन कि पहली बरसात हुई थी,
क्या हुआ कुछ समझ नहीं आया,
मानो जैसे सावन ने हमें मिलाने की कोई कहानी लिखी हुई थी।

नहीं थी अकल मुझमें,
इसको में प्यार समझ बैठी थी,
पर आँख खुली तो होश आया,
ये तो मुझे बरबाद करने की उसी ने साजिश रची हुई थी।

शायद मेरा वक़्त खराब था,
जब उस से इंसान मोहब्बत हुई थी,
मैंने तो हज़ार सपने देखे हुए थे,
की उसने मुझे ही आग लगाने की रुचि तैयार की हुई थी।

नहीं बना वो मेरे लिए,
खुद को में समझाए हुए बैठी थी,
वाह - वाह सुनने को मिल रही थी उसे,
क्यूंकि उसने इतनी शातिर हरकत जो कि हुई थी।
Aug 2018 · 273
कल हो ना हो
Riya jain Aug 2018
कल हो ना हो, कोई नहीं जानता
इसलिए दोस्तों अपने आज में जियो।
कल शायद मौत दस्तक देदे,
इसलिए आज को यादगार बनाते हुए जियो ।
कल शायद दिन देखने को ही ना मिले,
इसलिए आज को मुस्कुराते हुए जियो।
अरे छोड़ दो साथ दो पल के अपनों का,
बल्कि हमेशा साथ निभाने वालों के साथ जियो।

इस ज़िन्दगी को यारो खुल के जियो,
कल में नहीं आज में जियो।
जो पल है वो भी वक़्त के साथ गुजर जाएगा,
कल पछताना ना पड़े इसलिए इस पल में जियो।
ये वक़्त और अपने बहुत खूबसूरत हैं,
इस वक़्त की खूबसूरती भड़ाते हुए जियो।
अपनों के साथ हस्ते रहो,
और एक दूसरे में खुशियां बांटते हुए जियो।

पल भर की ज़िन्दगी में मत देखो ऊंचे सपने यारो,
पर हाँ, जितना है उसमें दिल खोल कर जियो।
नहीं संभालेगी कभी ये बदलती दुनिया तुम्हें,
पर तुम तो खुद को संभालते हुए जियो।
वक़्त आया, वक़्त रुका, वक़्त गया,
पर तुम तो इस वक़्त को समेटे हुए जियो।
ये वक़्त और अपने पलट कर नहीं आयेंगे,
इसलिए इस खूबसूरत वक़्त और अपनों को दिल में बसाते हुए जियो।

नहीं मिलेगी ये ज़िन्दगी दुबारा यारो,
इसलिए तुम अपनी ज़िन्दगी को हसीन बनाते हुए जियो।
रूठे को मानते हुए जियो,
रोते को हसाते हुए जियो,
हार को जीत बनाते हुए जियो,
सपनों को सच बनाते हुए जियो,
ज़िन्दगी की यादें समेटे हुए जियो,
पर याद रहे यारो, कल में नहीं अपने आज में जियो।
Aug 2018 · 1.1k
dosti
Riya jain Aug 2018
khaali si lgti thi phle zindagi ye,
ek paheli si lgti thi zindagi ye,
fir kuch namoone se dost mile,
aur poori si lgne lagi zindagi ye.

Aaye jab dost zindagi main ye,
aayi bahaar kuch alag si ye,
kya kahun inke bare m, bhut anmol hain ye,
jese aasmaan se bheje farishte ** ye.

Jaan bhi de du inhe mange toh ye,
kyunki main janti hu dost kya hein ye,
kbhi nhi bhool skti dosti ko ye,
kyunki adhuri rhegi hmsha zindagi in sbke bina ye.
Jul 2018 · 2.7k
Dadi maa
Riya jain Jul 2018
Meri pyari daadi maa,
tumsa na h koi yaha.
tum ** mera saara jahan,
nahi kr skti tmhe shabdon m bayan.
tum ** meri aan,
tum ** mera amaan.
tum ** mera gumaan,
tumse ek baar fir milna, hai mera armaan.
roz sapno mai dekhti hu tmhe,
roz sapna toot jaata hai.
Kab aaogi saamne mere,
yahi soch soch ke ek aur din guzar jaata h.
wahi chand sa chehra, wahi phool se muskan,
rakhungi sada tumhe dil mai, banake apni shaan.
Jul 2018 · 206
ख्वाहिशें
Riya jain Jul 2018
काश कुछ जादू सा हो सकता,
सब कुछ मेरे बस में हो सकता।
करती फिर अपने सपने साकार,
और जीत महसूस होती हर बार।
ख्वाहिशें हैं मेरी हज़ार,
काश मै कर सकती सब साकार।
काश ये जादू कर सकती एक बार,
तो कभी ना महसूस करती मै हार।
ज़िन्दगी मेरी कुछ अलग ही होती,
अगर ख्वाहिशें मेरी पूरी होती।
काश ये जादू करना होता आसान,
तो कभी नहीं लगती अपनी ही ज़िन्दगी  अंजान।
कर देती पूरे सबके अरमान,
फिर देती ज़िन्दगी को एक अंजाम।
काश कुछ जादू सा हो सकता,
सब कुछ मेरे बस में हो सकता।
Jul 2018 · 219
My dreams...
Riya jain Jul 2018
everybody goes right, but i go left,
because i opt to become a deft.
They all think that i am mad,
but literally i feel so glad.
I crave to make their claps tappen,
when i make my dreams happen.
Its time to show and make all proud,
& make them believe that i am the one in the crowd.
Its time to bring a smile on my parents face,
because it can happen only with their brace.
Jul 2018 · 553
Wo din..
Riya jain Jul 2018
Wo bhi kya din the,
Jab dost bhut the,
mann laga rehta tha,
din bana rehta tha,
hum bade hote gaye,
dost kam hote gaye,
kuch khaas bach gaye,
kuch khaas bhi badal gaye,
hum soch soch ke thak gaye,
ki kya galti kar gaye,
par jab ye sab samajh gaye,
tab tak **** guzar gaye,
fir ek naya mod aaya,
aur hum chalte chale gaye.
kuch khaas ko yaad kar,
kuch khaas ko bhul kar,
hum bhi aage bhadte chale gaye.

— The End —