तुझे जो याद करता हूँ
माँ ??
मैं आँसू बहाता हूँ ।
जो तेरी याद आती है
मैं खुद को भूल जाता हूँ ।।
मैं बालक हूँ । तु समझी ना
मैं कटी हो गया तुम से ।
आंऊ जब भी HOSTEL मैं
तो क्यूँ आँसू बहाती हो ।।
वो पल जब याद आते है
मैं कितना टूट जाता हूँ ।
रख PHOTO सीरहाने में
मैं तुम से रूठ जाता हूँ ॥
मुझे भी पाता है की
माँ तु मुझ से प्यार करती हैं ।
तभी तो तु अकेले मे रोया
हर बार करती है ॥
मगर मै रो नही सकता ,
ये पापा ने बताया है ।
मै लड्का हूँ
कटु ये शब्द मुझ को क्यों सीखया है ॥
घनी है रात HOSTEL में
सुबह होने चला आया ।
समय अब 3:40 हैं
मगर सूरज न सो नही पाया ॥
माँ…
मैं आज भी रातो
में भी बस आँसू बहाता हूँ ।
जो तेरी याद आती हैं
मैं खुद को भुल जाता हूँ ॥
लेखक :- सूरज कुमार सिँह
दिनांक :- 06 / 11 / 2013