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Mar 12
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राधा ने कहा, "श्याम, रंग दो मुझे तुम अपने ही रंग में, आओ, इस होली पर हम दोनों, सदा के लिए एक हो जाए"

नटखट श्याम ने पूछा, "इतने अनगिनत रंग छोड़ कर प्रिये, तुम्हें यह श्याम रंग ही क्यूँ भाये ? "

"कान्हा, है मुझे यह चाह, तेरे रंग में रंग जाऊँ मैं, और
तेरी बंसी बन कर, तेरे होठों से लग कर, हम प्रेम तराने गए "

चलो मेरे मन मोहना,आज रंगों के इस त्योहार के दिन, पूरे तन मन से हम एक हो जाए; ऐसी होली खेलों मोरे कन्हाइ, हम कभी बिछुड़ न जाए

Armin Dutia Motashaw

"भले रास रचनाएं गोपियां रंगबिरंगी चुनार ओढ़े, मोहे तो तोरा श्याम रंग भाये, हाँ मोहन, बस तोरा श्याम रंग ही भाये "
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   Immortality
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