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Feb 12
यदि कोई काम कम करे
और शोर ज़्यादा ,
तो उसका किसी को
है कितना फ़ायदा ?
ऐसे कर्मचारी को
कौन नौकर रखना चाहेगा ?
मौका देख कर
उसे बहाने से
कौन नहीं निकालना चाहेगा ?
अतः काम ज़्यादा करो
और बातें कम से कम
ताकि सभी पर अच्छा प्रभाव पड़े।
सभी ऐसे कर्मचारी की सराहना करें।
जीवन में कद्र
काम की होती है ,
आलोचना अनावश्यक
आराम करने वाले की होती है।
सचमुच ! एक मज़दूर की जिन्दगी
बेहद कठिन और कठोर होती है।
बेशक यह दिखने में सरल लगे ,
उसकी जीवन डगर संघर्षों से भरी होती है
और उसके मन मस्तिष्क में
कार्य कुशलता व हुनर की समझ
औरों की अपेक्षा अधिक होती है।
तभी उसकी पूछ हर जगह होती रही है।
काम ज़्यादा और बातें कम करना
आदमी को दमदार बनाता है ,
ऐसा मानस ही आजकल खुद्दार बना रहता है।
ऐसा मनुष्य ही उपयोगी बना रहता है ,
और स्वाभिमान ऐसे कर्मचारी की
अलहदा पहचान बना देता है।
१३/०२/२०२५.
Written by
Joginder Singh
50
   Khoisan
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