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Nov 2024
अक्सर गलती करने पर
नींद ढंग से आती नहीं,
तुम ही बताओ,
सोने की खातिर
किस विध दूँ ,
निज को थपकी ।
बेचैनी को भूलभाल कर
सो सकूँ निश्चिंत होकर
और रख सकूँ  क़ायम
जिजीविषा को।
दूँढ सकूँ
अपना खोया हुआ
सुकून।  

०४/०८/२००९.
Written by
Joginder Singh
39
   Vishal Pant
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