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Akta Agarwal
Poems
Oct 28
रंग
रंग अपने में हि कितनि खुब्सूरत सी होती है।
हर रंगो की अपनी हि खासियत है।
हरा रंग प्रकिती से मिलाती है।
हमें सेहदमंद रहना सिखाती है।
पिला रंग उम्मीदो को बढ़ाती है।
हर हाल में खुश रहना सिखाती है।
लाल रंग कभी गुस्सा दिलाती है।
है खतरा अगर कोई तो भी बताती है।
यह रंग मोहोब्त् से मिलती है ।
पागल प्यार मे हमें बनाती है।
नीला रंग जिम्मेदारियों को संभालना सिखाती है।
मुश्किलों से जब घिर जाए
तो हमें यह शांत भी कराती है।
काले रंग की बात हि अलग सी है।
वो हर रंग के साथ जच जाति है।
पर फिर भी कोई शैतानी भरी राज यह छुपति है।
थोड़ा सा यह डराति भी है ।
पर उजालो का कदर करना भी सिखाती है।
सफेद रंग हमें उजालों का पता बताति है।
और सारे रंगो को खुद में छुपाति है।
हर रंग कुछ खाश सा हमें सिखाती है ।
हर होली आ कर रंगो से हमें मिलाती है।
रंगो की ऐसी हि कहानियो से मिलाति है ।
हमें हर रंग कुछ खाश सा सिखाती है ।
रंग
Written by
Akta Agarwal
25/F/Kolkata
(25/F/Kolkata)
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