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Jan 10
आ मोहे मन में बसो श्री राम
जनक नंदिनी परम पुनीता,
आन बसों संग भगवती सीता
दे वत्सल सुखधाम
आ मोहे मन में बसो श्री राम

भ्रात लक्ष्मण सेवक हनुमत,
जिनके भय पाएं काम क्रोध गत,
तिन संग कर विश्राम,
आ मोहे मन में बसो श्री राम

जामवंत, नल, नील औ अंगद,
तुमरे नाम जो पाएं परम पद,
मोहे अधर ओहि नाम,
आ मोहे मन में बसो श्री राम

केवट तारा अहिल्या तारी,
कष्ट हरो मोहे तुम त्रिपुरारी,
पूरण कीजो काम,
आ मोहे मन में बसो श्री राम

रघुकुलदीपक दशरथ नंदन,
दोए कर जोड़ करें हम वंदन,
दो मोहे धीर भक्ति और ज्ञान,
आ मोहे मन में बसो श्री राम
Arvind Bhardwaj
Written by
Arvind Bhardwaj  Chandigarh
(Chandigarh)   
73
 
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