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Oct 2023
"मय हो या मैं"

अरे ओ "मैं", तू कितना प्यारा है मुझे, तुझे मैं क्या कहूं, मैं तेरे बिना रह न सकूं, क्या  करूं!

मुझे दिखता है मैं ही मैं ; जहा तू वहा मैं, मैं तेरे बिना कहीं जा n सकूं और तुझ बिन रह न सकूं।

शराब हो, या हो धूम्रपान, या चरस गांजा, सबसे नशीला पदार्थ है "मैं ";  और वो है बड़ा कातिल भी ।

सदा याद रहे, इन पदार्थों के सेवन से, कभी भी नहीं भरेगा तेरा प्यासा जी;

"मैं" हो, या मय, दोनो है कातिल और खतरनाक, इनके पयाले "अनार" तू कभी न पीना;

ऐ इंसान, अगर कम्बक्त, तूं करते रहा यह मय के पयाले का सेवन, मुश्किल हो जाएगा तेरा जीना ।

Armin Dutia Motashaw
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