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Armin Dutia Motashaw
Poems
Sep 2023
कन्हाई मोरे
कन्हाई मोरे
ओ कन्हाई मोरे, बाजे जब मुरलियां तोरी,
दौड़े आए गोप गोपियां, और राधा गोरी गोरी;
कहे राधिके "कान्हा, तूं सदा थामे रहेना, बईया मोरी;
जन्मों जनमसे, युग युग से, है यह राधिका तो बस तोरी !
मोहन मोरे, काहे तरसाए जीयरा मोरा; क्यों करली तूने मोरे जियाकी चोरी ? "
Armin Dutia Motashaw
Written by
Armin Dutia Motashaw
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