"कि मैं तुम्हारा इंतज़ार करूँगी तुम चाहो या ना चाहो फिर भी तुमसे इश्क़ बेशुमार करूँगी ये दिन, ये महीने, ये साल बस यूँही बीत जाएंगे, मैं तुमसे सालों बाद भी बस यूँही प्यार करूँगी तुम मशगूल होगे अपने कामों में, मैं हर पल सिर्फ तुम्हें याद करूँगी कुछ यूँ मैं तुम्हारा इंतज़ार करूँगी... जब तुम्हें देखने का मन हुआ, तुम्हारी तस्वीरों का घंटों दीदार करूंगी, जब तुम्हें सुनने का मन हुआ, जो मेरे कानों में बस चुकी है आवाज़, उस आवाज़ को बस याद करूंगी, कुछ यूँ मैं तुम्हारा इंतज़ार करूंगी.. हाँ, जानती हूँ तुम मेरी किस्मत में नहीं हो, पर मेरी किस्मत की आजमाइश में हर बार करूंगी, पता है मुझे तुम शायद कभी नहीं मिल पाओगे, फिर भी तुम्हारी राह टाकती मैं यूंही वक़्त बरबाद करूंगी... हाँ, मैं कुछ इस तरह से तुम्हारा इंतज़ार करूंगी..."