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Mar 2023
No letters on the desk
nor the playlist remained to listen
hundreds of time, one more time.
I knotted a muffler an hour ago
and don't want have a walk to the
nearest pole, today too.
I sipped a glass of water
but lots remained in the glass
looked out of the window, it is orange sky.
May be my friend forgot to click,
he must be playing hide and seek and missed the sky.
Yesterday it was raining now,
I made a paper boat, rushed to out
but my window had not a river
then I flew the boat in the sky.
Now I am off to a nap
I put opened book
over my face.
I smell it, and I slept then.
In my entwined dreams
the only thing I remembered was
the rays of the Sun laminating through my palm.
And this was the Sun of last happy December.
डेस्क पर कोई पत्र नहीं
न ही प्लेलिस्ट सुनने के लिए रह गई,
सैकड़ों बार, एक बार और।
मैंने एक घंटे पहले मफलर लगाया था
और टहलने नहीं जाना चाहता
निकटतम खंभा तक, आज भी।
मैंने एक गिलास पानी पिया
लेकिन गिलास में बहुत कुछ रह गया
खिड़की से देखा, नारंगी आसमान है।
हो सकता है मेरा दोस्त क्लिक करना भूल गया हो,
वह लुका-छिपी खेल रहा होगा और आकाश से चूक गया होगा।
कल बारिश हो रही थी अब,
मैंने कागज़ की नाव बनाई, दौड़कर बाहर निकला
लेकिन मेरी खिड़की में नदी नहीं थी
तब मैंने नाव को आकाश में उड़ाया।
अब मैं एक झपकी के लिए रवाना हूँ
मैंने खुली किताब रख दी
मेरे चेहरे पर।
मुझे इसकी गंध आती है, और मैं तब सो गया।
मेरे उलझे हुए सपनों में
केवल एक चीज जो मुझे याद थी वह थी
मेरी हथेली से टकराती सूर्य की किरणें।
और ये था आखिरी खुश दिसंबर का सूरज।
Mujen Suraj
Written by
Mujen Suraj  M/India
(M/India)   
209
 
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