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Nov 2022
राधा - कृष्ण

ओ कन्हाई,

भले तुझे सारि दुनियां भगवानके रूपमें पूजे, तुझे तारणहार माने,

पर कान्हा, तू है राधा बिना आधा, यह भी सारी दुनिया जाने

राधाने जुदाई में तेरी, आंसू न बहाये, यह दुनियां कैसे माने ?

पर डरती थी वो, उसकी आँखोंमें बसा तू, उसके असवन के संग, कहीं बह न जाए,

इस लिए राधाने बेहद गम सह कर भी, अपनी आंखोसे आंसू न बहाये ।

उसके दिलका दर्द, उसके मन की पीड़, वो आजभी, मनमें ही बैठी है छुपाये ।

न जाने क्यों आखिर राधाको उसका प्यार, उसका कान्हा क्यों नहीं मिला ?

इन दो प्रेमिओकी जुदाई का हमेंशा रहेगा चर्चा, हर प्रेमिके दिलमें, रहेगा गिला।

मैं भी सदा सोचती हूँ, उन्हें उनका यह शुद्ध बेपनाह प्यार, आखिर क्यों नहीं मिला ?

क्या कोई बता सकता है ???

Armin Dutia Motashaw
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