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Nov 2022
अरे ओ कागा

बर्गदके पेड़ की तेहनीपे बैठ कर, शोर मचाये जा रहा है, एक कागा

जब अम्बवाक़े पेड़ पर, काली कोयल का, अभी अभी मीठा सुर है लागा

मेरी अटरियापे दाना-पानी रखके दोनों को कहा है मैंने, "यहाँ आ"

काग तू भले न गाये मीठे गीत, मेरे पिया का संदेश तो ले कर  तू आ

जिया तरसे, नैना बरसे, पिया जबसे है सिधारे; उनकी कोई तो खबर ला

भले तुझे कोई न बुलाये, मेरी अटरियापे, मोरे पिया का संदेश देने तू आ

Armin Dutia Motashaw
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