आ गया है याद अनारकली वाला संवाद, ".... सलीम तुझे मरने नहीं देगा, और हम अनारकली तुझे जीने नहीं देंगे..." यही कर रही है, हम बुढो के (वरिष्ट कहते है) साथ अपनी सरकार । मंहगाई चरणसीमा को छू रही है, खाद्य पदार्थों, दवाइया, मेडिकल इन्शुरन्स, हॉस्पिटल सब कुछ महँगा, उसके ऊपर सारे टैक्स (gst); बढ़ती हुई आयु तो एक श्राप हो गई है।
आयुष्य की डोर हमारे हाथों में नहीं है; पर इज्ज़त की रोटी, इज्ज़त भरा जीवन, यह भी हमसे सरकारने छीन लिया है ।
करे तो कोई क्या करे???????? अगर इज्ज़त से जीना चाहते हैं, तो कैसे जिये???? है जवाब तो जरूर बताइयेगा ।