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Jul 2022
हवा चलती है, मगर लगती नहीं
क्षमा जलती है मगर जलती नहीं
सांसें दौड़ती हैं, थकती नहीं
मैं उनसे कहता हूं की थम जाओ
लेकिन वो सकती नहीं
"अभी और चलना जरूरी है
तेरी सज़ा अभी अधूरी है"
Vilakshan Gaur
Written by
Vilakshan Gaur  26/M/India
(26/M/India)   
  249
   Khoisan
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