Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Jun 2022
जिंदगी ओ जिंदगी

कभी फुलोंकी सेज बन जाती है जिंदगी;

कभी कांटो का बिस्तर हो जाती है यही जिंदगी ।

कभी खुशी है; तो कभी दुख है जिंदगी ।

हसाती है यह कभी तो कभी रुलाती है जिंदगी ।

कुछ भी हो, बहुत ही अजीब है यह जिंदगी

अंत तक समझ नहीं सकते है हम, आखिर क्या चीज़ है यह जिंदगी

Armin Dutia Motashaw
79
 
Please log in to view and add comments on poems