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May 2022
हर कोई वक्त के आधीन

हर कोई, इंसान हो या पंखी-प्राणी, सब है वक्त की चलती सुइयोंके आधीन

किसीने कहा, "पर तु, चिंता मत कर, वक्त होता नहीं एक समान, बदलेगा वो ज़रूर, एक दिन"

पर वक्त होता है बहुत शक्तिशाली, पल भर में कर जाता है सब छीन भिन्

छीन गया मेरा जीवन साथी, "अब सीख रही हु जीना अकेला मैं, तुझ बिन"

वक्त तो ज़रूर बदलेगा, पर लाएगा नही वो मेरे लिए, मेरा वो बिछड़ा हुआ मीत;

वो वर्ष, वो घड़ी अब गयी है बदल, सुने है साज़, सुने पड गए मेरे गीत

सुना था, वक्त बिछड़ोको मिलाता है, लेकिन वो ला न सकेगा मेरा बिछड़ा हुआ मीत

जो गुज़र जाता है, वो आता नही; स्वीकारनी पड़ेगी मुझे भी संसारकी यह रीत

मौत एक ऐसी स्थिति है, जिसके सामने, वक्त भी जाता है बुरी तरह से हार

रात के बाद यहाँ दिन नहीं आता, बदल जाते हैं लोक, बदल जाते है हालात, पूरा संसार।

यूह तो सूरज रोज़ निकलेगा, सवेरा भी रोज़ होगा, पर नज़र मेरी, ढूंढती रहेगी उसे, आर पार

क्यों कि जो चला गया, वो लौटेगा कभी नहीं, लाख कर लूँ मैं उसका इंतजार

Armin Dutia Motashaw
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