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Armin Dutia Motashaw
Poems
Jan 2022
Shaheed Din
देश के वीरोंको अनार का सलाम
देखता कहाँ है तू , के
तू है हिन्दू , सिख, पारसी, ईसाई या मुसलमान
हर हाल में, तू है बस एक हिंदुस्तानी, और वतन तेरा है, हिंदुस्तान
रखता है तू, तेरी जान पे खेलके, तिरंगा का मान सनमान, उसकी शान
ऐ वीर, देश को हैं तुझपे नाज़, तू ही है हमारे देश की आन बान शान
जब हस कर होता है तू देशके लिए शहीद; सलाम करता है तुझको सारा हिंदुस्तान
मिटाके अपने आप को, हो जाता है तू अमर, तब गाता है वतन तेरे गुणगान
प्यारे देशवासियो, इन देशप्रेमियो के लिए चलो हमभी इकठ्ठा करे कुछ दान
कर्तव्य है हमारा भी कुछ, उनके कुटुंब के लिए, जिनके बेटे हो जाते हैं हस्ते हस्ते कुर्बान
गर हर हिंदुस्तानी करे दस रुपियों का दान, और अमीरो करे ज्यादा दान
तो व्यर्थ होगा हर शाहीदके कुटुंब का, देश के लिए दिया हुआ बलिदान ।
Armin Dutia Motashaw
Written by
Armin Dutia Motashaw
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