बेवक्त साथ जो तेरा मीला आदत सी जो तु बनी तु ही सासे और राहते बनी देखते देखते तेरे अलविदा कहने के पल भी नजदीक आने लगे दिल ने रखी चाहत तुझको रोक पाने की पर अफशोश है इस चाहत के अधूरे रह जाने के आया जो वक्त अलविदा केहेने का ऐसा लगा कुछ चुबन सी होने लगी अब दिल मे गम भी है तुझको ना भूला पाने का क्यू तेरा जाना है जरूरी क्यू अलविदा केहेने की मजबूरी जैसै दद् भी हो जरूरी सोचा ना था की कभी अलविदा भी होगी ईतनी दद् भरी सच ही कहते है लोग की अलविदा होती हैं इतनी दद् भरी