आँखों से जुदा मत कर, छलक जाऊँगी में एक तेरा दिल ही तो है ठिकाना मेरा! चली जो यहाँ से तो खो जाऊँगी में. रोज-रोज बुलाती है नई आहटें मुझे! पर तू ही बता तेरे सिवा कहाँ जाऊँगी में, बता तेरे हिसाब का मिजाज कहाँ से लाऊँ में! तू जो बदलेगा तो बदल जाऊँगी में! सपनों के सौदागरों में, शुमार है फितरत तेरी, असल जो बताएगा तो, संभल जाऊँगी में ला, अपने हिस्से की खुमारी मुझे दे दे! अगर आयी जो होश में तो, मचल जाऊंगी में!!